रविवार, 14 फ़रवरी 2010

अच्छे और बुरे लोग

"दुनिया में दो तरह के लोग होते है- अच्छे और बुरे" रिजवान खान की माँ कहती थी, पर यहाँ कुछ अच्छे लोगो के बीच शीतयुद्ध छीड़ा था. मुद्दा था बुरे लोगो(?) की वकालत करने का. इस पर एक अच्छे आदमी ने एक अच्छे आदमी की फिल्म न चलने देने का ऐलान किया. कुछ सत्तासीन अच्छे लोगो ने इस को नाक का सवाल बना लिया. और सिनेमा होल्स की नाकेबंदी करने में सारे बल झोक दिए. कुछ निहायत बुरे लोगो ने इस अवसर का फायदा उठाया और पुणे की जमीं को दहला दिया......
........बस इतना ही.